पुलिस ने शुरू किया अभियान, अंजान से ना करें दोस्ती

उज्जैन। प्रदेश के भोपाल और उज्जैन में सामने आये लव जिहाद के 2 बड़े मामलों के बाद पुलिस ने जागरूकता अभियान की शुरूआत कर दी है। डिजिटल युग में सोशल मीडिया और इंटरनेट के बढ़ते उपयोग को देखते हुए पुलिस अंजान से दोस्ती ना करने के लिये बालिकाओं और युवतियों को जागरूक कर रही है।  गुरूवार को माधवनगर सीएसपी कोचिंग सेंटर पहुंची, वहीं देवासगेट थाना प्रभारी ने नसिंग कॉलेज के साथ क्षेत्र की बस्तियों में जागरूकता अभियान में सर्तकता का संदेश दिया।
ग्राम बिछौड़द में 3 दिन पहले सोशल मीडिया पर बालिका का वीडियों लव जिहाद मामले से जुड़ा होना सामने आने के बाद पुलिस ने एक बार फिर पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा के निर्देश पर बालिकाओं, युवतियों और महिलाओं को जागरूक करने के लिये अभियान की शुरूआत कर दी है। बालिकाओं, युवतियों को उनके अधिकारों के प्रति सर्तक किया जा रहा है।  गुरूवार को माधवनगर सीएसपी दीपिका शिंदे फ्रीगंज क्षेत्र में संचालित होने वाली कोचिंग संस्थानों पर पहुंची और छात्राओं के साथ अवेरनेस कार्यक्रम आयोजित कर सायबर संबंधी, इंटरनेट उपयोग की सर्तकता को साझा किया। सीएसपी के साथ एसआई अंकित बनोधा ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से होते अपराधों को लेकर सर्तक किया। देवासगेट थाना प्रभारी अनिला पाराशर थाना टीम के साथ जागरूकता कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए नर्सिंग कॉलेज पहुंची, जहां उन्होने ट्रेनिंग प्राप्त कर रही छात्राओं से संवाद किया। इस दौरान उन्होने सोशल मीडिया के माध्यम और आने-जाने के दौरान अंजान से दोस्ती नहीं करने की बात कहीं और उनके अधिकारों शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और कानूनी सहायता के बारे में जानकारी को साझा किया। उन्होने थाना टीम के साथ क्षेत्र की बस्तियों में पहुंचकर भी बालिकाओं के अभिभावको से चर्चा की और बालक-बालिकाओं को सोशल मीडिया पर सतर्कता बरतने, अंजान कॉल से बचने, निजी फोटो वीडियो शेयर करने, स्क्रीन रिकॉर्डिंग का दुरुपयोग होने से बचने के निर्देश दिए।  साथ अभिभावकों को सुझाव दिए कि मोबाइल और सोशल मीडिया की निगरानी रखकर बालक बालिकाओं को आॅनलाइन तथा साइबर धोखाधड़ी होने से बचाए तथा साइबर जागरूकता बढ़ाएं बच्चों से कम्युनिकेशन बनाए रखें। थाना प्रभारी पाराशर ने बताया कि यह अभियान बालिकाओं को उनके प्रति होने वाले भेदभाव और हिंसा से बचाने में मदद करता है। वैसे पुलिस द्वारा समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। डिजिटल युग में सोशल मीडिया और इंटरनेट का उपयोग बच्चों और किशोर के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसका उपयोग सावधानी से कैसे किया जाये, इसको लेकर उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किये जा रहे है।

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